इटालियन भाषा

इटालियन (अथवा इटलियन) भाषा (Italiano ईटालियानो) इटली के मुख्य आ राष्ट्रियभाषा छी। ई हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार के रोमान्स शाखामे आवैत अछि। एकर जननी ल्याटिन छी। एकर लिपि रोमन लिपि छी। ई स्विजरल्याण्ड के दुईटा क्याण्टन के सेहो राष्ट्रियभाषा छी। कोर्सिका (फ्रान्सीसी), त्रियेस्ते (यूगोस्लाविया) के किछ भाग तथा सानमारीनो के छोट प्रजातन्त्रमे सेहो इटालियन बाजल जाइत अछि।[१][२]

इटली के बोलीसभसम्पादन करी

इटली मे अनेक बोलीसभ बाजल जाइत अछि जाहिमे सँ किछ त साहित्यिक इटालियनसँ बहुत भिन्न प्रतीत होइत अछि। ई सभ बोलीसभमे परस्पर एतेक भेद अछि जे उत्तरी इटली के लोन्बार्द प्रान्तक निवासी दक्षिणी इटली के कालाब्रिया के बोली शायद ही समझ सकत् वा रोममे बसोबास करै वाला केवल साहित्यिक इटालियन जनै वाला विदेशी रोमानो बोली (रोम के त्राएतेवेरे समाज के बोली) के शायद ही समझ सकत्। इटालियन बोलीसभक नाम इटालियन प्रान्तसभक सीमासभसँ हल्का-फूल्का मिलैत अछि। स्विजरल्याण्डसँ मिलि गेल उत्तरी इटली के किछ भागसभमे लादीन वर्ग के बोलीसभ बाजल जाइत् अछि-जे रोमान्स बोलीसभ छी; स्विजरल्याण्डमे सेहो लादीनी बाजल जाइत अछि। वेनत्सियन बोलीसभ इटली के उत्तरी पश्चिमी भागमे बाजल जाइत् अछि, भेनिस नगर एकर प्रतिनिधि केन्द्र कहल जाऽ सकैऽ छी। पीमौते, लिगूरिया, लोम्बार्दिया तथा एमीलिया प्रान्तसभमे एहि सभ नामसभक बोलीसभ बाजल जाइत् अछि जे किछ-किछ फ्रान्सीसी बोलीसभसँ मिलैत अछि। ल्याटिन के अन्त्य स्वर के एहिमे लोप भऽ जाइत अछि-उदाहरणार्थ फात्तसभ (तोस्कानो), फेत्त (पीमोतेसे) ओत्तो, ओत (आठ)। तोस्काना प्रान्तमे तोस्काना वर्ग के बोलीसभ बाजल जाइत् अछि। साहित्यिक इटालियन के आधार तोस्काना प्रान्त के, विशेषकरि के फ्लोरेन्स के बोली (फियोरेम्तीबो) रहल अछि। ई ल्याटिन के अधिक समीप कहल जाऽ सकैऽ छी। कंठ्य के महाप्राण उच्चारण एकर प्रमुख विशेषता अछि-यथा कासा, कहासा (घर)। उत्तरी आ दक्षिणी बोलीसभक क्षेत्रसभक बीचमे होए के कारण सेहो एहिमे दुनु वर्गसभक विशेषतासभ किछ-किछ समन्वित भऽ गेल अछि। उत्तरी कोर्सिका के बोली तोस्कानोसँ मिलैत अछि। लान्सियो (रोम केन्द्र), ऊम्बिया (पेरूज्या केन्द्र) तथा मार्के के बोलीसभक एक वर्गमे रखल जाऽ सकैऽ छी आ दक्षिण के बोलीसभमे अब्रूज्जी, काम्पानिया (नेपल्स प्रधान केन्द्र), कालाब्रिया, पूल्या आ सिसिली के बोलीसभ प्रमुख अछि-एकर सभसँ प्रमुख विशेषता ल्याटिन के संयुक्त व्यञ्जन ण्ड के स्थान पर न्न, म्ब के स्थान पर म्म, ल्ल के स्थान ड्ड के भऽ जानाए सार्देन्या के बोलीसभ इटालियनसँ भिन्न अछि।

एक ही मूल स्रोतसँ विकसित होएतो एकर भिन्नता ई बोलीसभमे कदाचित् ल्याटिन के भिन्न प्रकारसँ उच्चारण करै मे आवि गेल होएत्। बाहरी आक्रमणसभक सेहो प्रभाव पडल होएत्। इटली के बोलीसभमे सुन्दर ग्राम्य गीत अछि जेकर अखन सङ्ग्रह भऽ रहल अछि आ अध्ययन सेहो कएल जाऽ रहल अछि। बोलीसभमे सजीवता आ व्यञ्जनाशक्ति पर्याप्त अछि। नोपोलीतानो के लोकगीत त अधिक प्रसिद्ध अछि।

साहित्यिक भाषासम्पादन करी

९हम शताब्दी के आरम्भ के एक पहिल "इन्दोवीनेल्लो वेरोनेसे" (वेरोना के पहिने) मिलैत अछि जाहिमे आधुनिक इटालियन भाषा के शब्दसभक प्रयोग भेल अछि। ओकर पूर्व के सेहो ल्याटिनी अपभ्रंश (लातीनो बोल्गारे) के प्रयोग ल्याटिनीमे लिखल गेल हिसाब के कागजपत्रसभमे मिलैत अछि जे आधुनिक भाषाके प्रारम्भ के सूचना दैत् अछि। सातम् आ आठम् शताब्दीमे लिखित पत्रसभमे स्थानसभक नाम तथा किछ शब्दसभक रूपमे मिलैत अछि जे नवीन भाषा के द्योतक छी। साहित्यिक ल्याटिनी आ जनसामान्य के बोलीमे हल्का-हल्का अन्तर बढित गेल आ बोली के ल्याटिनीसँ ही आधुनिक इटालियनक विकास भेल। ई बोली के अनेक नमूनासभ मिलैत अछि। सन् ९६० मे मोन्तेकास्सीनो के मठ के सीमा के पञ्चायत के प्रसङ्गमे एक गवाही के बयान तत्कालीन बोलीमे मिलैत अछि; एहि प्रकारक बोली तथा ल्याटिनी अपभ्रंशमे लिखित लेख रोमक सन्त क्लेमेन्ते के गिरजामे मिलैत है। ऊम्ब्रिया तथा मार्के मे सेहो ११हम १२हम शताब्दीक भाषा के नमूनासभ धार्मिक स्वीकारोक्तिसभक रूपमे मिलैत अछि, मुद्दा इटालियन भाषा के पद्यबद्ध रचनासभक उदाहरण सिसिलीक सम्राट् फ्रेडरिक द्वितीय (१३हम शताब्दी) के दरबारी कविसभ के मिलैत अछि। ई कवितासभ सिसिली के बोलीमे रचल गेल होएत्। श्रृङ्गार ही ई कवितासभक प्रधान विषय छी। पिएर देल्ला विन्या, याकोपो द अक्वीनो आदि अनेक पद्यरचयिता फ्रेडरिक के दरबारमे छल। ओ स्वयम् कवि छल।

वेनेवेत्तो के युद्ध के पश्चात् साहित्यिक आ सांस्कृतिक केन्द्र सिसिली के बजाय तोस्काना भऽ गेल जतय शृङ्गारविषयक गीतिकाव्य के रचना भेल, गूइत्तोने देल वीवा द आरेज्जो (मृत्यु १२९४ ई.) ई धारा के प्रधान कवि छल। फ्लोरेन्स, पीसा, लूक्का तथा आरेज्जोमे ई कालमे अनेक कविसभ तत्कालीन बोलीमे कवितासभ लिखीलक्। बोलोन (इता. बोलोन्या) मे साहित्यिक भाषा के रूप स्थिर करवाक प्रयास कएल गेल। सिसिली आ तोस्काना काव्यधारासभ साहित्यिक इटालियन के जे रूप प्रस्तुत केलक ओकरा अन्तिम आ स्थिर रूप देलक "दोल्चे स्तील नोवो" (मीठगर नवीन शैली) के कविसभ। ई कविसभ कलात्मक संयम, परिष्कृत रुचि तथा परिमार्जित समृद्ध भाषाक एहन रूप रखलक् जे आगा के बहुतरास शताब्दी के इटालियन लेखक ओकर आदर्श मानि के एहिमे लिखैत रहत्। दांते अलीमिएरी (१२६५-१३२१) एहि नवीन शैलीमे, तोस्काना के बोलीमे, अपन महान कृति "दिवीना कोमेदिया" लिखलक्। दांते "कोन्वीविओ" मे गद्य के सेहो परिष्कृत रूप प्रस्तुत केलक आ गूइदो फाबा तथा गूइत्तोने द आरेज्जो के कृत्रिम तथा साधारण बोलचाल के भाषासँ भिन्न स्वाभाविक गद्य के रूप उपस्थित केलक। दांते तथा "दोचे स्तील नोवो" के अन्य अनुयायीसभमे अग्रगण्य अछि फ्रोन्चेस्को, पेत्रार्का आ ज्वोवान्नी बोक्काच्यो। पेत्रार्का फ्लोरेन्स के भाषा के परिमार्जित रूप प्रदान केलक तथा ओकरा व्यवस्थित केलक। पेत्रार्का के कवितासभ आ बोक्काच्चो के कथासभ इटालियन साहित्यिक भाषा के अत्यन्त सुव्यवस्थित रूप आगा रखलक्। पाछा के लेखकसभ दांते, पेत्रार्का आ बोक्काच्यो के कृतिसभसँ शताब्दी धरि प्रेरणा ग्रहण केलक।

१५हम शताब्दीमे ल्याटिनी के प्राचीन साहित्य के प्रशंसकसभ ल्याटिनी के चलावे के चेष्टा केलक आ प्राचीन सभ्यता के अध्ययनवादीसभ (मानवतावादी-म्यानिस्ट) नवीन साहित्यिक भाषा बनावे के चेष्टा केलक, मुद्दा एही ल्याटिनी प्राचीन ल्याटिनीसँ भिन्न छल। ई प्रवृत्ति के फलस्वरूप साहित्यिक भाषा के रूप कि होएत्, ई समस्या खाड भऽ गेल। एक दल विभिन्न बोलीसभ के किछ तत्व लके एक नयाँ साहित्यिक भाषा गढि के पक्षमे छल, एक दल तोस्काना, विशेषकर फ्लोरेन्स के बोली के ई स्थान देए के पक्षमे छल आ एक दल, जाहिमे पिएतरो बेम्बो (१४७०-१५८७) प्रमुख छल, चाहैत छल जे दांते, पेत्रार्का आ बोक्काच्यो के भाषा के ही आदर्श मानल जाए। म्याकियावेली सेहो फियोरेम्तीनो के ही पक्ष लेलक। तोस्काना की ही बोली साहित्यिक भाषा के पद पर प्रतिष्ठित भऽ गेल। आगा सन् १६१२ मे क्रूस्का एकेडेमी इटालियन भाषा के प्रथम शब्दकोश प्रकाशित केलक जे साहित्यिक भाषा के रूप के स्थिर करवाकमे सहायता प्रदान केलक।

१८हम शताब्दीमे एक नयाँ स्थिति आएल। इटालियन भाषा पर फ्रेन्च के अत्यधिक प्रभाव पडनाए शुरू भेल। फ्रेन्च विचारधारा, शैली, शब्दावली तथा वाक्यांशसभसँ आ मुहावरा के अनुवादसभसँ इटालियन भाषाके गति रुकि गेल। फ्रान्सीसी बुद्धिवादी आन्दोलन ओकर प्रधान कारण छल। इटालियन भाषा के अनेक लेखकसभ-आल्गारोत्ती, वेर्री, बेक्कारिया- नि:संकोच फ्रेन्च के अनुसरण केलक। शुद्ध इटालियन के पक्षपाती एहिसँ बहुत दु:खित भेल। मिलान के निवासी अलेस्सान्द्रो मान्जोनी (१७७५-१८७३) ई स्थिति के सुलझौलक्। राष्ट्र के एकता के लेल ओ एक भाषा के होनाए आवश्यक मनैत छल आ फ्लोरेन्स के भाषा के ओ स्थान के उपयुक्त समझैत् छल। अपन उपन्यास "ई प्रोमेस्सी स्पोसी" (सगाई भेल) मे फ्लोरेन्स के भाषा के साहित्यिक आदर्श रूप ओ स्थापित केलक आ एहि प्रकार तोस्काना के भाषा ही अन्तिम रूपसँ साहित्यिक भाषा बनि गेल। इटली के राजनीतिक एकता प्राप्त करि लेए के बाद ई समस्या निश्चित रूपसँ हल भऽ गेल।

सन्दर्भ सामग्रीसभसम्पादन करी

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