भूमध्य रेखा

पृथ्वी पर काल्पनिक रेखा

भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से सामान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है। यह पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में विभाजित करती है। दूसरे शब्दों में पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरस्थ भूमध्यरेखीय उभार पर स्थित बिन्दुओं को मिलाते हुए ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा को भूमध्य या विषुवत रेखा कहते हैं। इस पर वर्ष भर दिन-रात बराबर होतें हैं, इसलिए इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं। अन्य ग्रहों की विषुवत रेखा को भी सामान रूप से परिभाषित किया गया है। इस रेखा के उत्तरी ओर २३½° में कर्क रेखा है व दक्षिणी ओर २३½° में मकर रेखा[1] है।[2]

विश्व के मानचित्र पर भूमध्य रेखा लाल रंग में
गोलक का महानतम चक्र (घेरा) उसे ऊपरी और निचले गोलार्धों में बांटाता है।

भूमध्य रेखा का भूमंडल शास्त्र

पर्यटन क्षेत्रों में भूमध्य रेखा को सड़क के किनारों पर चिह्नित किया जाता है

परिभाषा के अनुसार भूमध्य रेखा का अक्षांश शून्य (०) होता है। पृथ्वी की भूमध्य रेखा की लम्बाई लगभग ४०,०७५ कि.मी.(२४,९०१.५ मील) (शुद्ध लम्बाई ४०,०७५,०१६.६८५६ मीटर) है। पृथ्वी के घूर्णन की धुरी और सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की परिक्रमा की कक्षा से प्राप्त सतह के बीच के संबंध स्थापित करें, तो पृथ्वी की सतह पर अक्षांश के पांच घेरे मिलते हैं। उनमें से एक यह रेखा है, जो पृथ्वी की सतह पर खींचा गया महानतम घेरा (चक्र) है। सूर्य अपनी सामयिक चाल में आकाश से, वर्ष में दो बार, २१ मार्च और २३ सितंबर को भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर से गुजरता है।[3] इन दिनों भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह के एकदम लम्बवत पड़ती हैं। भूमध्य रेखा पर स्थित प्रदेशों में सूर्योदय और सूर्यास्त अपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। ऐसे स्थानों पर वर्ष भर, सैद्धांतिक रूप से, १२ घंटों के दिन और रात होते हैं, जबकि भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में दिन का समय मौसम के अनुसार बदलता रहता है। जब इसके उत्तर में शीतकाल में दिन छोटे और रात लंबी होती हैं, तब इसके दक्षिण में ग्रीष्मकाल में दिन लंबे व रातें छोटी होती हैं। वर्ष के दूसरे छोर पर मौसम दोनों गोलार्धों में एकदम उलटे होते हैं। किंतु भूमध्य रेखा पर दिनमान के साथ साथ मौसम भी समान ही रहता है।

पृथ्वी भूमध्य रेखा पर थोड़ी से उभरी हुई है। इस रेखा पर पृथ्वी का व्यास १२७५९.२८ कि.मी.(७९२७ मील) है, जो ध्रुवों के बीच के व्यास (१२७१३.५६ की.मी., ७९०० मील) से ४२.७२ कि॰मी॰ अधिक है। भूमध्य रेखा के आस-पास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र के लिए अच्छे हैं (जैसे गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ, फ्रेंच गुयाना), क्योंकि वह पृथ्वी के घूर्णन के कारण पहले से ही पृथ्वी पर किसी भी अन्य स्थान से अधिक गतिमान (कोणीय गति) हैं और यह बढ़ी हुई गति, अन्तरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए आवश्यक ईंधन की मात्रा को कम कर देती है। इस प्रभाव का उपयोग करने के लिए अंतरिक्ष यान को पूर्व दिशा में प्रक्षेपित किया जाना चाहिए |

भूमध्य रेखीय जलवायु

भूमध्य रेखा का चिह्न, इल्हेउ दास रोलास, साओ तोमे और प्रिन्सीप में

वर्षा ऋतु और अधिक ऊंचाई के भागों को छोड़कर, भूमध्य रेखा के निकट वर्ष भर उच्च तापमान बना रहता है। कई उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लोग मौसम को दो प्रकार का बताते है: आर्द्र और शुष्क। फिर भी भूमध्य रेखा के निकट अधिकतर स्थान वर्ष भर गीले ही रहते हैं और मौसम समुद्र तल से ऊंचाई और समुद्र से दूरी जैसे अनेक कारणों के अनुसार बदलता रहता है। बरसाती और आर्द्र परिस्थितियों से पता चलता है की भूमध्य रेखीय क्षेत्र विश्व की सर्वाधिक गर्म क्षेत्र नहीं हैं। पृथ्वी की सतह पर अधिकतर भूमध्य रेखीय क्षेत्र समुद्र का भाग है। भूमध्य रेखा का उच्चतम बिंदु ४६९० मीटर ऊंचाई पर कायाम्बे ज्वालामुखी, इक्वाडोर के दक्षिणी ढाल पर है।

भूमध्य रेखीय देश

भूमध्य रेखा १४ देशों के स्थल या जल से होकर जाती है। मध्याह्न रेखा से प्रारंभ होकर ये पूर्व की ओर जाती है:

देशांतरदेश, क्षेत्र या सागरटिप्पणी
०°अटलांटिक महासागरगिनी खाड़ी
७° पू.साँचा:Country data साओ तोमे और प्रिन्सीपइल्हेयु दास रोलास
८°अटलांटिक महासागरगिनी खाड़ी
१०°  गैबॉन
१५°  कॉन्गो
२०°  कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य
३०°  युगांडा
३३°विक्टोरिया झील
३५° ४०°  केन्या
४१°  सोमालिया
४३° ५०° ६०° ७०°हिन्द महासागर
७३°  मालदीवगाफु ढालु अटॉल एवं नावियानी अटॉल के बीच से गुजरती हुई
८०° ९०°हिन्द महासागर
१००°  इण्डोनेशियाबातु द्वीप, सुमात्रा एवं लिंगा द्वीप
१०५°हिन्द महासागरकरिमाता जलडमरु मध्य
११०°  इण्डोनेशियाबोर्नेयो
११८°हिन्द महासागरमकस्सर जलडमरु मध्य
१२०°  इण्डोनेशियासुलावेसी
१२१°हिन्द महासागरतोमिनी की खाड़ी
125°हिन्द महासागरमलक्का जलडमरु मध्य
१२७°  इण्डोनेशियाकायोआ एवं हल्माहेरा द्वीप
१२८°प्रशांत महासागरहल्माहेरा सागर
१३०°  इण्डोनेशियाजीब द्वीप
१४०° १५०° १६०°प्रशांत महासागर
१७३°  किरिबातीहर द्वीप से बचती हुई, अरानुका और नोनोउती के बीच अटॉल से गुजरती है
१८०°प्रशांत महासागर
१७६° प. संयुक्त राज्य माइनर आउटलेइंग आइलैंड्सबेकर द्वीप - प्रादेशिक जल से गुजरतीभूमध्य रेखा होवलैण्ड द्वीप और जार्विस द्वीप के आसपास के विशेष आर्थिक क्षेत्र से होकर गुजरती है, लेकिन अपने क्षेत्रीय जल माध्यम से नहीं गुजरती।
१७०°, १६०°, १५०°, १४०°, १३०°, १२०°, ११०°, १००°प्रशांत महासागर
९०°  ईक्वाडोरइसाबेला द्वीप के गैलापागोस द्वीप समूह में
८८°प्रशांत महासागर
८०°  ईक्वाडोर
७०°  कोलम्बिया
६०° ५०°  ब्राज़ीलअमेज़न नदी में स्थित कुछ द्वीप भी शामिल
४०°, ३०°, २०°, १०°अटलांटिक महासागर
  • इक्वेटोरियल गिनी के क्षेत्र का कोई भी अंग भूमध्य रेखा पर स्थित नहीं है, हालांकि इसके नाम से प्रतीत होता है। हां इसका द्वीप ऐनोबॉन भूमध्य रेखा से १५५ की.मी. (१०० मील) दक्षिण में है और देश का बाकी हिस्सा उत्तर में निहित है। भूमध्य रेखा को वास्तव में ना छूने वाला सबसे निकटतम देश पेरू है।

सन्दर्भ

  1. झा, गोविन्द. मानक विज्ञान हिन्दी शब्द कोश (एचटीएम). वाणी प्रकाशन. पपृ॰ १६७. ६२७०. नामालूम प्राचल |origmonth= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |origdate= की उपेक्षा की गयी (|orig-year= सुझावित है) (मदद)[मृत कड़ियाँ]
  2. पत्रिका पर[मृत कड़ियाँ]
  3. ज्योतिष सबके लिए. भगवती पॉकेट बुक्स. पपृ॰ १६७. ६२७०. मूल (एचटीएम) से 13 जून 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जुलाई 2009. नामालूम प्राचल |origmonth= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |origdate= की उपेक्षा की गयी (|orig-year= सुझावित है) (मदद)

बाहरी कड़ियाँ

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